
सबरीमाला मंदिर के दरवाजे बुधवार को सभी उम्र की महिलाओं के लिए खुलने वाले हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ राज्य में भगवान अयप्पा के अनुयायी विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं।
केरल के सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले ने राज्य के लोगों को दो गुटों में बांट दिया है। गत 28 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने अपने ऐतिहासिक फैसले में सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश की अनुमति दे दी। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बावजूद मंदिर में महिलाओं का प्रवेश हो पाएगा कि नहीं, अभी इस पर संशय बरकरार है।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का एक समूह स्वागत कर रहा है जबकि दूसरा समूह मंदिर में महिलाओं के प्रवेश की अनुमति देने के फैसले का विरोध कर रहा है।
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मंदिर में प्रवेश की अनुमति पर महिलाओं में खुशी की लहर है, वहीं भगवान अयप्पा के भक्त सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत सबरीमाला मंदिर के दरवाजे बुधवार को पहली बार सभी उम्र की महिलाओं के लिए खुलेंगे। इस ऐतिहासिक दिन का साक्षी बनने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पम्पा पहुंचने लगे हैं। वहीं, सभी उम्रवर्ग की महिलाओं के प्रवेश की अनुमति संबंधी शीर्ष न्यायलय के आदेश के क्रियान्वयन का विरोध करते हुए हजारों भाजपा कार्यकर्ताओं ने सोमवार को यहां केरल राज्य सचिवालय की ओर मार्च किया।

