
#MeToo अभियान के तहत कई महिलाओं ने यौन उत्पीड़न की व्यथा सोशल मीडिया में साझा की जिसमे फिल्म इंडस्ट्री के कई बड़े अभिनेता और डायरेक्टर के नाम सामने आए वहीँ, नामो की फेहरिस्त लम्बी होती जा रही है| फिल्म इंडस्ट्री के बाद अब नेता व मंत्री भी इसके घेरे में आ गए है|
यौन उत्पीड़न के मामले में केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एम जे अकबर का नाम पिछले दिनों सामने आया था| जिसमें 10 महिला पत्रकारों ने उनपर आरोप लगाया है| इनमे कुछ विदेश महिला पत्रकार भी शामिल है| नाइजीरिया दौरे पर गए केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर रविवार को दिल्ली लौट आए है|
एम जे अकबर ने अपने ऊपर लगे आरोपों को ख़ारिज करते हुए बयान दिया कि इन झूठे और आधारहीन आरोपों ने मेरी प्रतिष्ठा और सद्भावना को अपूर्णीय क्षति पहुंचाई है| मैं अपने ऊपर लगाए गए यौन शोषण के आरोपों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करूंगा| उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ लगाए गए दुर्व्यवहार के आरोप झूठे और मनगढ़ंत हैं| ये सभी आरोप द्वेष भावना से लगाए गए हैं| मैं ऑफिशल टूर पर बाहर था इसलिए पहले जवाब नहीं दे पाया| विदेश राज्य मंत्री ने कहा कि कुछ तबको में बिना किसी सबूत के आरोप लगाने की बीमारी हो गई है| अब मैं लौट आया हूं और आगे क्या कानूनी कार्रवाई की जाए, इसके बारे में मेरे वकील देखेंगे|
इतने दिनों तक चुप क्यों रहीं महिलाएँ: एम.जे. अकबर
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ एम जे अकबर ने बयान जारी कर कहा कि उनके ऊपर जो आरोप लगाए गए हैं, वे फ़र्ज़ी हैं और राजनीति से प्रेरित हैं| इसके अलावा उन्होंने सवाल किए कि आम चुनावों से पहले यह आंधी क्यों उठी है? इसके पीछे क्या कोई एजेंडा है? ये झूठे और आधारहीन आरोप हैं जो मेरी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए लगाए गए हैं| उन्होंने कहा कि झूठ के पैर नहीं होते, लेकिन इनमें ज़हर होता है जो उन्माद पैदा कर सकता है| यह परेशान करने वाला है| अकबर ने सवाल किया कि इन महिलाओं की क्या वजह थी जो इतने दिनों तक चुप रहीं?
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5 महिला पत्रकारों ने सुनाई आपबीती
विदेश राज्य मंत्री एम जे अकबर पर ‘प्रीडेटरी बिहेवियर’ के आरोप हैं| जिसमें युवा महिलाओं को मीटिंग के नाम पर कथित तौर पर होटल के कमरे में बुलाना शामिल है|
देश के सबसे प्रभावशाली संपादकों में से एक रहे एमजे अकबर द टेलीग्राफ़, द एशियन एज के संपादक और इंडिया टुडे के एडिटोरियल डायरेक्टर रहे हैं|
सबसे पहले उनका नाम सोमवार को वरिष्ठ पत्रकार प्रिया रमानी ने लिया था| उन्होंने एक साल पहले वोग इंडिया के लिए ‘टू द हार्वे वाइंस्टींस ऑफ़ द वर्ल्ड’ नाम से लिखे अपने लेख को रीट्वीट करते हुए ऑफिस में हुए उत्पीड़न के पहले अनुभव को साझा किया| रमानी ने अपने मूल लेख में एम.जे अकबर का कहीं नाम नहीं लिया था| लेकिन सोमवार को उन्होंने ट्वीट किया कि वो लेख एम जे अकबर के बारे में था|
उसके बाद से पांच अन्य महिलाओं ने भी एम जे अकबर से जुड़े अपने अनुभव साझा किए हैं| सुपरना शर्मा, निवासी संपादक, द एशियाई एज ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया की उसने मेरी ब्रा स्ट्रैप खोली और आपत्तिजनक हरकतें कीं। उन्होंने कहा कि कार्यालय में अन्य महिलाओं के साथ भी ऐसा ही किया गया। मैं अकबर की प्रतिक्रिया से निराश हूं लेकिन मैं हैरान नहीं हूं। यह एक लंबी लड़ाई होगी|
भारत में #MeToo मूवमेंट ने रफ्तार पकड़ी तो माजली डी पाई ने भी अपने साथ हुए वाकयों का जिक्र दुनिया के सामने पेश किया| उन्होंने जो बताया है वो काफी सनसनीखेज है| उनका आरोप है कि एमजे अकबर ने उन्हें जबरन किस किया|
एक टीवी चैनल की पत्रकार माजली डी पाई ने बताया कि मैं कई सारी तस्वीरें लेकर उनके दफ्तर गई थी| इसके बाद वो डेस्क के पास आए जहां पर मैं खड़ी थी| मैंने हाथ मिलाने के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाया लेकिन उन्होंने मेरी बांह पकड़ ली| मुझे खींचा और मेरे मुंह पर चूमा| उन्होंने मेरे साथ बेहद आपत्तिजनक हरकत की|
माजली कहती हैं कि वे भौचक थीं| उन्होंने आगे बताया कि मुझे पता नहीं ये कितनी देर तक चला, लेकिन कुछ देर बाद उन्होंने मुझे जाने दिया| मुझे लगता है कि उस वक्त मैंने कुछ नहीं किया| मैं तुरंत बाहर चली आई| मैंने ऑफिस के कुछ लोगों को ये बात बताई| उन्होंने मुझसे कहा कि मैं यह झेलने वाली कोई पहली या अकेली लड़की नहीं थी शायद इसके बाद मैंने अपने मम्मी-पापा से बात की|

