
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2018-19 में चालू खाते का घाटा बढ़कर 2.1 प्रतिशत रह गया। आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2018-19 में चालू खाते का घाटा (कैड) पिछले साल के मुकाबले बढ़कर 2.1 प्रतिशत यानी करीब 57.2 अरब डॉलर पर पहुंच गया। वित्तीय वर्ष 2017-18 में चालू खाते का घाटा 1.8 प्रतिशत था, जो अब बढ़कर 2.1 प्रतिशत पर पहुंच गया है।
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केंद्रीय बैंक के ताजा आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2018-19 में मार्च तिमाही में घाटा कम होकर जीडीपी का 0.7 प्रतिशत यानी 4.6 अरब डालर रहने के बावजूद पूरे वित्त वर्ष का घाटा बढ़ा। वहीं मार्च 2018 तिमाही में 13 अरब डॉलर यानी जीडीपी का 1.8 प्रतिशत था।
मार्च तिमाही में कैड की कमी मुख्य रूप से व्यापार घाटा वाणिज्यिक निर्यात की तुलना में आयात के आधिक्य के कारण रहा। आरबीआई के अनुसार इस बार मार्च तिमाही में व्यापार घाटा 35.2 अरब डॉलर रहा जो एक साल पहले इसी तिमाही में 41.6 अरब डॉलर था।
इसके कारण कैड में कमी आई. लेकिन पूरे वित्त वर्ष 2018-19 में व्यापार घाटा बढ़कर 180.3 अरब डॉलर रहा जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 160 अरब डॉलर था। इससे 2018-19 में कैड बढ़ा। शुद्ध रूप से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश मार्च तिमाही में 6.4 अरब डॉलर रहा जो 2017-18 की इसी तिमाही के बराबर है।
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2018-19 में यह मामूली रूप से बढ़कर 30.7 अरब डॉलर रहा। बाह्य वाणिज्यिक उधारी के कारण शुद्ध प्रवाह उछलकर मार्च, 2018 को समाप्त तिमाही में 7.2 अरब डॉलर रहा जो एक साल पहले इसी तिमाही में एक अरब डॉलर था। देश के विदेशी मुद्रा भंडार में आलोच्य वर्ष में कुल मिला कर 3.3 अरब डॉलर की कमी दर्ज की गई।