सुनवाई के दौरान विशेष सीबीआई कोर्ट में एक गवाह ने दावा किया है कि सोहराबुद्दीन शेख ने ही गुजरात के पूर्व गृह मंत्री हरेन पांड्या की हत्या की थी। गवाह ने दावा किया कि गुजरात के पूर्व आईपीएस अधिकारी डी जी वंजारा ने पंड्या की हत्या के कथित आदेश दिए थे|
समाचार एजेंसी पीटीआई (भाषा) ने इस गवाह के नाम का खुलासा नहीं किया गया है| हालांकि कई समाचार पत्रों में गवाह के नाम बताए गए हैं| शनिवार को विशेष सीबीआई जज एसजे शर्मा के सामने इस अज्ञात गवाह (नाम सार्वजनिक नहीं किया गया है) ने कहा कि वह 2002 में शेख से मिला था। साक्षी, सोहराबुद्दीन और तुलसीराम प्रजापति के एक सहयोगी आज़म खान ने यह भी कहा कि 2010 में सीबीआई जांचकर्ता को इसके बारे में बताया था कथित फर्जी मुठभेड़ मामलों में आरोपी नंबर 1 वंजारा को 1 अगस्त, 2017 को निचली अदालत ने छुट्टी दे दी थी। जिसे सीबीआई ने चुनौती नहीं दी थी, लेकिन सोहराबुद्दीन के भाई रूबबुद्दीन ने इसे बरकरार रखा था।
सितंबर में बॉम्बे हाईकोर्ट आगे की परीक्षा के दौरान, जब खान से पूछा गया कि सीबीआई द्वारा दर्ज अपने बयान में इन तथ्यों का उल्लेख क्यों नहीं किया गया, तो उन्होंने कहा कि उन्होंने सीबीआई अधिकारी एन एस राजू को बताया था। मैंने सीबीआई अधिकारी से कहा था । साक्षी ने अदालत में कहा, जब मैंने उन्हें (राजू) हरेन पांड्या के बारे में बताया (मुझे नए भ्रम में शामिल न करें)।, लेकिन अधिकारी ने अपने बयान के हिस्से के रूप में इसे रिकॉर्ड करने से इनकार कर दिया था। उसकी शेख, उसकी पत्नी कौसर बी और सहयोगी तुलसी प्रजापति के साथ अच्छी दोस्ती हो गई थी। इसी दौरान शेख ने उसे बताया था कि उसे डीजी वंजारा ने गुजरात के गृह मंत्री हरेन पांड्या की हत्या करने के लिए पैसे दिए थे और उसने ये काम कर दिया है। फिर मैंने उससे कहा कि उसने जो कुछ किया, वह गलत था और उसने एक अच्छे इंसान की हत्या की थी|
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गवाह ने कहा कि वर्ष 2005 में राजस्थान पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था और उदयपुर जेल में उसे रखा गया था जहां उसकी मुलाकात प्रजापति से हुई थी| सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एस जे शर्मा के समक्ष अपना बयान दर्ज कराते हुए गवाह ने कहा प्रजापति ने मुझसे कहा कि गुजरात पुलिस ने सोहराबुद्दीन और उसकी पत्नी कौसर बी की हत्या की| गवाही अगले हफ्ते जारी रहेगी. गुजरात पुलिस के साथ साल 2005 में एक कथित फर्जी मुठभेड़ में सोहराबुद्दीन और उसकी पत्नी मारी गई थी|
बाद में गुजरात एवं राजस्थान पुलिस के साथ एक अन्य कथित फर्जी मुठभेड़ में प्रजापति भी मारा गया था| इन दोनों कथित फर्जी मुठभेड़ों के लिए सीबीआई द्वारा आरोपी बनाए गए कुल 38 लोगों में से 16 को निचली अदालत आरोपमुक्त कर चुकी है. आरोपमुक्त होने वालों में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, वंजारा और गुजरात एवं राजस्थान पुलिस के कुछ वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं. राजस्थान और गुजरात पुलिसकर्मियों को सोहराबुद्दीन और तुलसीराम प्रजापति के कथित मुठभेड़ और सोहराबुद्दीन की पत्नी कौसरबी की कथित हत्या के लिए मुकदमे का सामना करना पड़ रहा है। खान ने अदालत को यह भी बताया कि उसने अपराध कैसे करना शुरू किया और सोहराबुद्दीन के संपर्क में आया। उन्होंने अदालत से कहा कि सोहराबुद्दीन हैदराबाद में नईम खान नामक एक गैंगस्टर के संपर्क में आ गए थे, क्योंकि बाद में गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम से संपर्क करने में मदद मांगी थी।

