
सोशल मीडिया साइट ट्विटर के सीईओ जैक डोरसे भारत में अपनी यात्रा के दौरान ब्राह्मण विरोधी पोस्टर के साथ फोटो में दिखने पर विवादों में आ गए। इस पर ट्विटर ने माफी मांगी है। डोरसे की पिछले सप्ताह भारत यात्रा के दौरान का यह फोटो है। फोटो में डोरसे के साथ छह महिला पत्रकार हैं। डोरसे जो पोस्टर लिए हैं, उसमें अंग्रेजी में लिखा है, जिसका अर्थ है- “ब्राम्हणवादी पितृसत्ता का नाश हो।’ इस पर ट्विटर के कई यूजर्स भड़क गए। इन्फोसिस के पूर्व सीईओ मोहनदास पई ने जैक पर ब्राह्मणों से नफरत और संस्थागत घृणा फैलाने का आरोप लगाते हुए ट्वीट में लिखा- ‘एक भारतीय के तौर पर मैं जैक से निराश हूं।
राठौर उठाएं सख्त कदम
मोहनदास पई ने केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर को टैग करते हुए लिखा कि क्या भारतीयों से इस घृणा के लिए ट्विटर पर कोई कार्रवाई की जाएगी। इस पर ट्विटर के लीगल, पॉलिसी, ट्रस्ट एंड सेफ्टी लीड के ग्लोबल हेड विजय गड्डे ने सोमवार देर रात माफी मांगते हुए ट्वीट किया, “मुझे इसके लिए बहुत खेद है। हमारे विचार इस तरह के नहीं हैं। यह पोस्टर हमें गिफ्ट में दिया गया था, जिसके साथ हमने एक निजी फोटो लिया था। हमें अधिक विवेकशील होना चाहिए था।’ ट्विटर ने अपने एकाउंट पर लिखा- ‘एक कार्यक्रम में एक दलित कार्यकर्ता ने वह पोस्टर जैक को गिफ्ट में दिया था। कंपनी या सीईओ का ऐसा कोई मत नहीं है।’ उन्होंने कहा कि ट्विटर सोशल मीडिया का एक निष्पक्ष मंच होने का प्रयास करता है। हमें भारत में अपने यूजर्स की सेवा करने के लिए बेहतर करना होगा।

