
नेशनल सैम्पल सर्वे ऑर्गनाइजेशन (NSSO) की तरफ से बनाई गई रोजगारी और बेरोजगारी पर आधारित रिपोर्ट के तैयार होने के बाद भी सरकार ने इसे जारी नहीं किया है| अब इसके विरोध में National Statistical Commission (NSC) के दो सदस्यों पीसी मोहनन और जेवी मीनाक्षी ने इस्तीफा दे दिया है| दोनों कमीशन के स्वतंत्र सदस्य थे|
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, मोदी सरकार में एनएसएसओ की यह पहली रिपोर्ट है जिसमें नोटबंदी के बाद देश में रोजगार की कमी और नोटबंदी के कारण लोगों की नौकरी जाने का जिक्र है|
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एनएससी 2006 में गठित एक ऑटोनोमस बॉडी है| यह देश की स्टैटिस्टिकल सिस्टम के कामकाज की निगरानी और समीक्षा करने का काम करता है| तीन साल पहले, एनएससी ने जीडीपी बैक सीरीज डेटा को अंतिम रूप देने का काम किया था| इसके लिए नीति आयोग ने कमीशन पर नाराजगी भी जताई थी|
पीसी मोहनन एक कैरियर स्टैटिसियन हैं और जेवी मीनाक्षी, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में प्रोफेसर हैं| जून, 2017 में सरकार ने दोनों को एनएससी में नियुक्त किया था| कमीशन में दोनों का कार्यकाल 3 साल के लिए था और यह 2020 में खत्म होता| इस्तीफा देने से पहले पीसी मोहनन कमीशन के एक्टिंग चेयरपर्सन थे| इन दोनों के इस्तीफे के बाद एनएससी में अब केवल दो सदस्य रह गए हैं- मुख्य सांख्यिकी अधिकारी प्रवीण श्रीवास्तव और नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत|
दोनों अधिकारियों ने 28 जनवरी को दिया था इस्तीफा
मोहनन ने कहा कि मैंने एनएससी से इस्तीफा दे दिया है| हमें लगता है कि इन दिनों कमीशन पहले की तरह एक्टिव नहीं रहा और हमें यह भी लगता है कि शायद हम कमीशन की जिम्मेदारियां निभाने में सक्षम नहीं हैं|
कमीशन से दोनों अधिकारियों ने 28 जनवरी 2019 को इस्तीफा दे दिया था. सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (Ministry of Statistics and Programme Implementation) के अधीन आने वाले कमीशन में सात सदस्य होते हैं| वेबसाइट के मुताबिक, तीन पद पहले से ही खाली हैं|
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न्यूज-18 की खबर के मुताबिक, पिछले दिनों रोजगार पर लेबर ब्यूरो के सर्वे में खुलासा हुआ था कि बेरोजगारी ने पिछले 4 साल का रिकॉर्ड तोड़ा है. नौकरियों पर नोटबंदी का बुरा असर दिखा है. ऑटोमोबाइल और टेलीकॉम सेक्टर, एयरलाइंस, कंस्ट्रक्शन जैसे सेक्टर में छंटनी हुई है.
चिदंबरम ने कहा– इस संस्था की आत्मा को शांति मिले
राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग के दो सदस्यों के इस्तीफे को लेकर सरकार पर तीखा हमला करते हुए, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने बुधवार को कहा कि एक और सम्मानित संस्था ख़त्म हो गई है| उन्होंने कहा “29 जनवरी 2019 को सरकार द्वारा दुर्भावनापूर्ण लापरवाही के कारण एक और सम्मानित संस्था की मृत्यु हो गई| अब एनएससी शांति से आराम कर सकता है जब तक कि वह फिर से पैदा न हो”|