
दुनिया के 84 देशों में फैले जीका वायरस को लेकर राजस्थान की राजधानी जयपुर के लोगों में दहशत का माहौल पैदा हो गया है। शहर की एक बहुत बड़े आबादी इलाके में जीका वायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। पिछले 20 दिनों में यहां 51 लोग जीका की चपेट में आ चुके हैं और दिनों दिन इसका डर लोगों की चिंता बढ़ाने लगा है।
उधर, सरकार लगातार जीका वायरस को लेकर जागरुकता अभियान चला रही है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जीका वायरस को लेकर प्रचार किया जा रहा है कि यह जानलेवा नहीं है और इसका उपचार संभव है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री कालीचरण सराफ भी बुधवार को जीका वायरस प्रभावित शास्त्री नगर इलाके में पहुंचे। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अरुण चतुर्वेदी के साथ सराफ ने पूरे इलाके का जायजा लेने के बाद कहा कि लोगों को घबराने की जरूरत नहीं हैं।
उधर, मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने जीका रोग से बचाव और आमजन को इस संबंध में जागरूक करने के लिए अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए कहा कि यह रोग प्राणघातक नहीं हैं और मच्छरों की रोक थाम कर इस रोग से बचा जा सकता है।
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मुख्य सचिव ने बताया कि जीका वायरस से सम्बधित सभी जांच सुविधाएं एवं आवश्यक दवाइयां एसएमएस अस्पताल में उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि सरकार जीका वायरस से बचाव के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कहा कि जीका वायरस से घबराने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि इससे बचाव के तौर-तरीकों से आमजन को जागरूक बना कर हम इस बीमारी से बच सकते हैं।
मुख्य सचिव ने कहा कि जीका वायरस मच्छर जनित बीमारी है, इसलिए सबसे पहले हमें साफ सफाई और मच्छर रहित, साफ-सुथरा वातावरण बनाना होगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए स्कूलों में प्रार्थना सभा में छात्र-छात्राओं को जागरूक किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त जुम्मे की नमाज, रामलीला जैसे सार्वजनिक अवसरों पर भी इस रोग से बचाव के तरीकों से आम जनता को जागरूक किया जा सकता है।

